, जांच में शत-प्रतिशत मीटर सही पाये गये
लखनऊ। पावर कारपोरेशन को प्रदेश में लगभग 2 करोड़ 73 लाख मीटर लगाने हैं। जिसमें से अब तक लगभग 35 लाख स्मार्ट मीटर स्थापित भी किये जा चुके है। कारपोरेशन का दावा है कि प्रदेश में उपभोक्ताओं के परिसरों में लगाये जा रहे स्मार्ट मीटर के बारे में यह गलत भ्रम पैदा किया जा रहा है कि वे तेज चलते हैं, ज्यादा खपत दिखाते हैं, और बिल ज्यादा आता है। जबकि यह केवल वास्तविक खपत दिखाता है। कारपोरेशन प्रबंधन ने स्मार्ट मीटर को पूरी तरह सुरक्षित व पारदर्शी बताया है।
कारपोरेशन अधिकारियों ने कहा है कि 15 अगस्त 2025 तक स्थापित 34,05,066 स्मार्ट मीटरों के सापेक्ष 1,66,304 चेक मीटर स्थापित किए गए हैं
स्थापित स्मार्ट मीटरों के सापेक्ष 5 प्रतिशत चेक मीटर स्थापित करने का प्रावधान है । इस संदर्भ में अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि मीटरों की जांच रिपोर्ट से भी उपभोक्ताओं को अवगत कराया जाये। उपभोक्ता को स्मार्ट मीटर की रीडिंग पर यदि संदेह हो तो चेक मीटर लगाकर शंका का समाधान किया जाये । भ्रम दूर करने के लिए विगत 20 अगस्त को पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर 550 स्मार्ट मीटरों की जांच करायी गयी।
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लखनऊ में 20 उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर की जॉच हुई जिसमें सभी स्मार्ट मीटर सही खपत बता रहे थे तथा जांच मीटर में पाई गई यूनिट बराबर थी । अधिकारियों को कहा गया है कि समय समय पर इसी प्रकार अभियान चलाकर चेक मीटर से स्मार्ट मीटर का मिलान कराते रहें। स्मार्ट प्रीपेड मीटर स्थापित होने के बाद उपभोक्ता कारपोरेशन के अधिकृत मोबाइल ऐप ‘यूपीपीसीएल स्मार्ट कंज्यूमर ऐप के माध्यम से प्रतिदिन हर घण्टे की खपत देख सकता है और बिजली खपत पर नियंत्रण रख सकता है।
इसके साथ ही उपभोक्ता घर बैठे रिचार्ज कर सकता है। एप के माध्यम से यूपीपीसीएल के टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1912 पर उपभोक्ता शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं। गौरतलब है कि स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ता उसके तेज चलने की शिकायत करते रहते हैं । उपभोक्ता परिषद भी लगातार उपभोक्ताओं की इस परेशानी को पॉवर कॉरपोरेशन व जिम्मेदारों के सामने उठाता रहा है।
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